उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार करने में महारत हासिल कर रखी हैं. खबरों की माने तो उत्तर प्रदेश के एक अधिकारी ने कुछ ऐसा ही काम किया हैं जो अक्सर जालसाज़ों के बारे में सुनने को मिलता हैं.
आपको बता दे कि धीरेंद्र कुमार उपाध्याय गृह विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात हैं, धीरेंद्र कुमार उपाध्याय पर जालसाज़ी के दो आरोप लगे हैं. खबरो के अनुसार पहला आरोप हैं कि धीरेंद्र ने असिस्टेंट चीफ सेक्रेटरी (ACS) होम के फर्जी सिग्नेचर से कई सर्कुलर जारी कर दिए थे.
वही उन पर दूसरा गंभीर आरोप हैं कि धीरेंद्र ने अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर कई सारे आदेश पारित किए. मतलब? अपने सीनियर अधिकारियों का अप्रूवल नहीं आया, आदेश फिर भी निकाल दिया. बहुत सारे अधिकारियों को आदेश भेजा गया.
आरोप लगने के बाद धीरेंद्र उपाध्याय को संस्पेंड कर दिया गया. अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने इस बात की संस्तुति भी की हैं. अपर मुख्य सचिव हेमंत राव की ओर से. कार्रवाई के तौर पर धीरेंद्र उपाध्याय को निलम्बित कर दिया गया. यानी सस्पेंड. और सस्पेंड होने का जो पीरियड है, उसमें उन्हें सचिवालय प्रशासन अनुभाग-1 से अटैच कर दिया गया है.
आगे उन्होने बताया कि अब जांच में भ्रष्टाचार का एंगल भी शामिल किया जाएगा. जांच की इस प्रक्रिया के बाद जो नतीजे आएंगे, उसके बाद फैसला लिया जायेगा कि धीरेंद्र उपाध्याय को वापस पोस्टिंग दी जाए, या उन्हें सेवामुक्त करके क़ानूनी कार्रवाई की जाए.