कांग्रेस में कलेश कम होने का नाम नही ले रहा आये दिन कोई न कोई दिग्गज नेता की नारज़गी पार्टी से देखने को मिलती रहती हैं पिछली बार बीते साल अगस्त में कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद समेत कांग्रेस के कई असंतुष्ट नेताओं ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था और पार्टी को चुनाव दर चुनाव में खराब प्रदर्शन को लेकर आत्मचिंतन करने को कहा था.
इसी कड़ी में एक कदम आगे बढ़ते हुए राज्यसभा से अपनी विदाई के बाद एक बार फिर गुलाम नबी आज़ाद कमज़ोर पढ़ती कांग्रेस को लेकर चिंता जताई हैं.
राज्यसभा से कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की भावनात्मक विदाई के कुछ दिनों बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता अपने सहयोगियों के साथ जम्मू में शनिवार को एक मंच पर दिखाई दिए. यह कार्यक्रम एक एनजीओ गांधी ग्लोबल फैमिली का कार्यक्रम था. इस सार्वजनिक कार्यक्रम में कांग्रेस के कई वे नेता शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल गांधी परिवार के नेतृत्व की शैली पर सवाल खड़े किए थे. इसके बाद पार्टी में मतभेद खुलकर उभर आए थे. इन असंतुष्ट नेताओं की एकजुटता को कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के लिए संदेश की तरह देखा गया था.
इस शांति-सम्मेलन में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि मैं राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से रिटायर नहीं हुआ और मैं संसद से पहली बार रिटायर नहीं हुआ हूं.
इन बातो में सबसे अहम बात ये कि सभी कांग्रेसी नेता भगवा पगड़ी पहने नज़र आये और जो पोस्टर मंच पर लगा था उसमे से पार्टी का सिम्बल यानि हाथ वह भी गायब था. जिसके बाद राजनीतिक गलियारो में ये खबर चलना शुरु हो गई है कि क्या सब बागी कांग्रेस नेता मिलकर अपनी नई पार्टी तो नही बनाने जा रहे हैं साथ ही एक शब्द का इस्तेमाल भी बार बार हुआ और वह था G3, अगर कहा जाये तो G3 का मतलब निकलता हैं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी.