सोमवार, 22 मार्च को कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन को एक साल पूरे हो गए। जी हाँ, जनता कर्फ्यू को आज 1 साल पूरे हो गए है। पिछले साल यानी 2020 में 22 मार्च रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 घंटे की जनता कर्फ्यू की घोषणा की थी। एक साल बाद भी कोरोना के केहर में कोई भी कमी नहीं है, बल्कि अब तो कोरोना का नया स्ट्रेन भी आ गया है। देश विदेश में कोरोना ने आतंक मचा रखा है। ऐसे तो कोरोना का डर लोगों में खत्म होते नज़र आ रहा था पर बढ़ते मामलो के कारण ये एक बार फिर दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है, रोज़ कई मामले सामने आ रहे हैं। बात भारत की हो या देश के बहार की हर जगह कोरोना ने तेहेलका मचा रखा है। देश के कई हिस्सों में फिर से लॉकडाउन लग चुका है और देश के बहार भी कई देश देशों में कोरोना की तीसरी लहर के कारण लॉकडाउन लग चुका है। आपको बता दें की 1 से 8 तक के स्कूल खुलने पर रोक लगा दी गयी है।
देश में कोरोना अपडेट –
देश में कोरोना की तीसरी लहर काफी तेज़ी से रफ़्तार पकड़ रही है। एक ही दिन में कोरोना के 43,846 मामले सामने आ गए हैं , जबकि 197 लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले महाराष्ट्र में ही 30,000 ऊपर कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 99 लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 75,888 कोरोना के टेस्ट कराये गए, जिनमें 813 लोग पॉजिटिव पाए गए और 2 लोगों की मौत हो गयी। आकड़ों की माने तो दिल्ली में 3409 कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 442 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें 115 लखनऊ से थे। महाराष्ट्र,पंजाब, गुजरात, मध्य प्रदेश में लॉकडाउन लग चुके हैं। सख्त कवीड गाइडलाइन्स फॉलो करने का आदेश जारी हुआ है और साथ ही स्कूल और कॉलेज खुलने पर भी रोक लगा दी गयी है।
विदेश में कोरोना का आतंक –
पाकिस्तान में कोरोना का कहर। पाकिस्तान ने कोरोना की लेहेर पर काबू पान के लिए दक्षिण अफ्रीका, तंज़ानिया, रवांडा जैसे देशो पर पूर्ण तरीके से प्रतिबन्ध लगा दिया है। पाकिस्तान में रविवार को कोरोना के 3667 मामले सामने आये जिसके बाद मुल्क में मामले सिक्स 6.26 लाख हो गए। पाकिस्तान में कोरोना वायरस के दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के स्वरूप के उभरने के बाद नागर विमानन प्राधिकरण (सीएए) ने देशों की नई सूची अधिसूचित की है, जिनमें राष्ट्रों को ए, बी और सी श्रेणी में बांटा गया है और सी श्रेणी के 12 देशों पर पूर्ण यात्रा प्रतिबंध लगा दिया है। इन 12 देशों पर यह यात्रा प्रतिबंध 23 मार्च से पांच अप्रैल तक लागू रहेगा। बोत्सवाना, ब्राजील, कोलंबिया, कोमोरोस, घाना, केन्या, मोजाम्बिक, पेरू, रवांडा, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया और जाम्बिया को सी श्रेणी में रखा गया है। सी ए ए ने कहा की ये उपाय देश में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए है। सीएए ने अपनी सी श्रेणी को अपडेट किया है और ब्रिटेन को सी से बी श्रेणी में कर दिया है। उसने कहा है कि ए श्रेणी के देशों से अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वालों को पाकिस्तान आने से पहले कोविड-19 की जांच करने की जरूरत नहीं है।
ए श्रेणी में ऑस्ट्रेलिया, भूटान, चीन, फिजी, जापान, कजाकिस्तान, लाओस, मंगोलिया, मॉरिटानिया, मोरक्को, म्यांमा, नेपाल, न्यूजीलैंड, सऊदी अरब, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, ताजिकिस्तान, त्रिनिदाद एवं टोबैगो और वियतनाम को रखा गया है। अधिसूचना में कहा गया है कि जो देश ए और सी श्रेणी में नहीं हैं, उन्हें बी श्रेणी में रखा गया है।
सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले देश ने अस्ट्रज़ेनेका के इस्तेमाल से किया इंकार-
एस्ट्राजेनेका ने इंडोनेशिया को आश्वस्त किया की वैक्सीन में पोर्क का इस्तेमाल नहीं हुआ है। आपको बता दें की इण्डोनेशिआ एक मुस्लमान मेजोरिटी देश है, और इण्डोनेशिआ ने एस्ट्राजेनेका का टीकाकरण करने से इंकार कर दिया था। सबसे अधिक आबादी वाले देश ने ये दावा किया था की वैक्सीन में पोर्क का इस्तेमाल हुआ है। इंडोनेशिया के उलेमा कौंसिल ने टीके में पोर्क के इस्तेमाल का दावा किया है। इसके बाद उलेमा ने अपने वेबसाइट पर वैक्सीन को हराम करार दिया और इंडोनेशिया के मुसलमानो को वैक्सीन का इस्तेमाल करने से मन कर दिया है। काउंसिल का कहना है की वैक्सीन बनाने में ट्रिप्सिन का प्रयोग होता है जो की सूअर के पैंक्रियास से जुड़ा हुआ होता है।
इस बात पर कंपनी ने दी सफाई, अस्ट्रज़ेनेका ने कहा की वैक्सीन में किसी भी प्रकार के मांस का इस्तेमाल नहीं हुआ है। हलाकि पहले भी एस्ट्राजेनेका को इस्लाम नियमो का उल्लंघन करने वाला बताया जा रहा था। आपको बता दें की काउंसिल की तरफ से वैक्सीन को इमरजेंसी में इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गयी है।