
किसान आंदोलन के समर्थन में बनाई गई टूलकिट को एडिट करने और उसे सोशल मीडिया पर शेयर करने का आरोप दिशा रवि पर लगया गया है।
ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट केस में गिरफ्तार क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी पर बवाल बढ़ता जा रहा है। इस बीच, दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कहा कि अदालत ने दिशा रवि की गिरफ्तारी को सही माना है, इसलिए रिमांड दिया गया। दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि हमने 26 जनवरी की हिंसा को लेकर केस दर्ज किये। टूलकिट मामले में भी केस दर्ज किया गया है। टूलकिट मामले की जांच चल रही है| इस पर लोगो का सवाल है की अर्नव गोस्वमी की जो चैट लीक हुई थी वो देश के हित में थी और दिशा रवि की चैट देश द्रोही है क्या?
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जांच में आगे काफी कुछ सामने आएगा। दिशा की गिरफ्तारी नियम और कानून के तहत हुई है बता दें कि शनिवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिशा रवि को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया था।
उससे पहले जान लेते है की यह टूलकिट क्या होती हैं
“टूलकिट” किसी भी मुद्दे को समझाने के लिए बनाया गया एक गूगल डॉक्यूमेंट होता है। यह इस बात की जानकारी देता है कि किसी समस्या के समाधान के लिए क्या-क्या किया जाना चाहिए? यानी इसमें एक्शन प्वाइंट्स दर्ज होते हैं| इसे ही टूलकिट कहते हैं।
ग्रेटा थनबर्ग का टूलकिट से क्या कनेक्शन हैं?
इस मामले में जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सबसे पहले तीन फरवरी को किसान आंदोलन से जुड़ा एक टूलकिट ट्विटर पर सोशल किया था। हालांकि, बाद में उसे डिलीट कर दिया गया| उसमें ग्रेटा ने लिखा था, “अगर आप किसानों की मदद करना चाहते हैं तो आप इस टूलकिट (दस्तावेज़) की मदद ले सकते हैं।” इसके बाद फिर चार फरवरी को ग्रेटा ने दोबारा टूलकिट शेयर किया और लिखा, “ये नई टूलकिट है जिसे उन लोगों ने बनाया है जो इस समय भारत में ज़मीन पर काम कर रहे हैं| इसके ज़रिए आप चाहें तो उनकी मदद कर सकते हैं।”
टूलकिट केस में यह पहली गिरफ्तारी है। बाद में उन्हें दिल्ली लाकर अदालत में पेश किया गया है। जहां से उन्हें पांच दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया है। दिशा रवि की गिरफ्तारी और उनकी पेशी के दौरान कानूनी प्रक्रियाओं को लेकर सवाल उठ रहे हैं। अब तक इस मामले में दो और लोगो की गिरफ़्तारी हुई है। एक्टिविस्टि्स निकिता जैकब और शांतनु मुलुक के खिलाफ सोमवार को गैर-जमानती अरेस्ट वारंट जारी किया है, जिसके बाद जैकब ने अग्रिम जमानत के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट को अप्रोच किया था।
पुलिस का कहना है कि इस साजिश में हजारों और लोग शामिल हैं। ये खालिस्तानी आतंकी गुरूपतवंत सिंह पन्नू से प्रभावित हैं।