आम नागरिक पर पड़ेगी महंगाई की एक और मार. कोरोना महामारी के चलते लोगों की नौकरी चली गई, कारोबार चौपट हो गए, अब लोग इससे उभरने की जिद्दोजहद में है. तो ऐसे में पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस की कीमतों ने लोगों की कमर तोड़ रही हैं. इसके साथ ही लोगों की जेब में एक और बोझ बढ़ रहा है. पेट्रोलियम की बढ़ती कीमतों के बीच अब खाद्य तेलों के दामों में भी अच्छी खासी बढ़ोत्तरी हुई हैं.
बताते चले कि, पिछले एक वर्ष में कच्चे तेल की कीमतें जहां 95 फीसदी तक बढ़ी हैं. वहीं, कच्चे पाम तेल की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है. सोयाबीन और सोया तेल के साथ भी ऐसा ही है. एक वर्ष में इनके दाम 30 से 60 फीसदी तक बढ़ गए है. इसके पीछे की मुख्य वजह इनकी ग्लोबल सप्लाई में कमी आना बताया जा रहा है.
अगर देखा जाए तो, पिछले माह पॉम आयल में तेज़ी थी और अब पिछले दो सप्ताह से सोयाबीन तेल में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है. ब्राज़ील में काफी बारिश हुई है, जिसके चलते प्रोडक्शन पर असर पड़ा है. सूरजमुखी के तेल की कीमत 1700 डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंच गई है. आने वाले दो महीने तक महंगाई ऐसी ही बनी रहेगी क्योकि भारत में खाद्य तेल का आयात काफी कम रहा है.