उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में में रहने वाले प्रेमी जोड़े शबनम और सलीम को एक साथ दोनो को फांसी पर लटकाया जायेगा। शबनम पर आरोप हैं कि उसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर माता-पिता और 10 माह के अपने भतीजे समेत परिवार के 7 लोगो की हत्या कर दी थी। आज़ाद भारत में यह पहली बार हो रहा हैं जब किसी महिला को फांसी दी जायेगी।
इसके लिए मथुरा की जेल में तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। मथुरा स्थित उत्तर प्रदेश के इकलौते फांसी घर में अमरोहा की रहने वाली शबनम को फांसी पर लटकाया जाएगा। निर्भया के दोषियों को फंदे से लटकाने वाले पवन जल्लाद अब तक दो बार फांसी घर का निरीक्षण भी कर चुके हैं। मथुरा जिला कारागार में जल्लाद पवन को तख्ता लीवर में कुछ कमी दिखी, जिसे अब प्रशासन ठीक करवा रहा है। शबनम को फांसी पर लटकाने के लिए बिहार के बक्सर से रस्सी मंगवाई जा रही है, ताकि किसी भी तरह की कोई मुश्किल का सामना न करना पड़े।
आरोपी ने सर्वोच्च न्यायलय में पुनर्विचार याचिका लगाई थी, जिसे न्यायलय ने खारिज कर दिया था। देश के राष्ट्रपति ने भी शबनम और उसके प्रेमी की फांसी की सज़ा को बरकार रखा हैं।
ये हैं पूरा मामला
अमरोहा जिले के हसनपुर क्षेत्र के गांव बावनखेड़ी के शिक्षक शौकत अली की इकलौती बेटी शबनम के सलीम के साथ प्रेम संबंध थे। सूफी परिवार की शबनम ने अंग्रेजी और भूगोल में एमए किया था। उसके परिवार के पास काफी जमीन थी। वहीं सलीम पांचवीं फेल था और पेशे से एक मजदूर था। इसलिए दोनों के संबंधों को लेकर परिजन विरोध कर रहे थे। शबनम ने 14 अप्रैल, 2008 की रात अपने प्रेमी के साथ मिलकर ऐसा खूनी खेल खेला कि सुनकर पूरा देश हिल गया था। शबनम ने अपने माता-पिता और 10 माह के भतीजे समेत परिवार के सात लोगों को पहले बेहोश करने की दवा खिलाई। बाद कुल्हाड़ी से काटकर मार डाला था।
इसी के बाद से इस मामले में कोर्ट ने 29 गवाहो के बयान दर्ज करने के बाद ही 29 सेकंड में फांसी की सज़ा देते हुए अपना फैसला सुना दिया था।