मूल रूप से यह किसी भी आंदोलन को ऑनलाइन या ऑफलाइन चलाने की प्लानिंग भर होती है. जब इंटरनेट और मोबाइलों का जमाना नहीं था, तब आंदोलन में हिस्सा लेने वाले डायरी में प्लानिंग लिख लिया करते थे.
भारत को विदेशी निवेश पसंद है. विदेशी हथियार पसंद हैं. विदेशी गाड़ियां पसंद हैं. विदेशी सम्मान तो बहुत ज़्यादा पसंद हैं. चाहे फिल्म के लिए हो या व्यक्ति के लिए. बस विदेश से आने वाली एक चीज़ पसंद नहीं आयी , जिसका नाम है टूलकिट
क्या है ये टूलकिट?
टूलकिट” किसी भी मुद्दे को समझाने के लिए बनाया गया एक गूगल डॉक्यूमेंट होता है. यह इस बात की जानकारी देता है कि किसी समस्या के समाधान के लिए क्या-क्या किया जाना चाहिए? और कैसे क्या जाना चाहिए , यानी इसमें एक्शन प्वाइंट्स दर्ज होते हैं. इसे ही टूलकिट कहते हैं.
मूल रूप से यह किसी भी आंदोलन को ऑनलाइन या ऑफलाइन चलाने की प्लानिंग भर होती है. जब इंटरनेट और मोबाइलों का जमाना नहीं था, तब आंदोलन में हिस्सा लेने वाले डायरी में प्लानिंग लिख लिया करते थे. मसलन कहां जमा होंगे, क्या नारे लगाएंगे, किस बात पर जोर रहेगा आदि. तकनीक बदली तो गूगल डॉक पर प्लानिंग शुरू हुई. इससे सहूलियत यह हो गई कि अपने किसी भी साथी को इस डॉक में कुछ भी जोड़ने-घटाने की सुविधा दी जा सकती है. वह भी रियल टाइम. ऐसा ही कुछ काम दिशा रवि ने उस टूलकिट में किया जो ग्रेटा थनबर्ग ने शेयर की थी.
अब जानते हैं कि टूलकिट में क्या लिखा है.
टूलकिट पर सबसे ऊपर लिखा है
यह डॉक्यूमेंट उन लोगों की सहूलियत के लिए है, जो लोग भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर ज्यादा नहीं जानते. इसके जरिए वे स्थिति को बेहतर समझ कर, अपने हिसाब से फैसला कर सकते हैं कि उन्हें किसानों का समर्थन कैसे करना है.
- इसके बाद भारत में किसानों की स्थिति के बारे में 100-200 शब्दों में समझाया गया है.
- इस स्टेप के बाद एक्शन की बात कही गई है. खास तौर पर दो तरह के एक्शन, अर्जेंट एक्शन और प्रायर एक्शन की बात कही गई है. मतलब एक तो वह एक्शन जो फौरन लिया जाए और एक जिसे प्राथमिकता के अधार पर लिया जाए.
3.अर्जेंट एक्शन के तौर पर किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए #FarmersProtest #StandWithFarmers के साथ ट्वीट करने को कहा गया है.
- विदेश में रहने वाले भारतीयों से कहा गया है कि अपने आसपास की भारतीय एंबेसी, मीडिया हाउस या लोकल सरकार के ऑफिस पर जाकर किसानों के समर्थन में प्रोटेस्ट करें और फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करें.
- प्राथमिक एक्शन के तौर पर #AskIndiaWhy के हैशटैग के साथ ‘डिजिटल स्ट्राइक’ और पीएम और कृषि मंत्री जैसे बड़े पदों पर मौजूद लोगों को सोशल मीडिया पर टैग करने को कहा गया है.
6.अगर किसानों से जुड़ी मार्च या परेड हो रही है तो उसका भी हिस्सा बनें. सरकारी प्रतिनिधियों को कॉल या ईमेल करें और उनसे एक्शन लेने के लिए कहें.
- इसके बाद एक सेक्शन आता है How can you help, मतलब आप कैसे मदद कर सकते हैं. इसमें ज्यादातर उन गतिविधियों की चर्चा है जो ऑनग्राउंड हो सकती हैं. मिसाल के तौर पर किसी प्रदर्शन में हिस्सा लें या एक प्रदर्शन का आयोजन करें. इसके अलावा ऑनलाइन पेटिशन साइन करने को कहा गया है.
- टूल किट RISE UP AND RESIST! वाक्य के साथ खत्म हो जाती है.